कैलाश वाजपेयी यह धंधा अंधा है (Kailash Vajpeyi)
2016-09-14 14 Dailymotion
................भीतर से बाहर तक आकाश फैला <br />ख़ुशबू की तितलियाँ <br />उड़ती हैं <br />लय टूटती है कभी-कभार <br />पीली ख़बरों की पत्तियाँ <br />जब झरती हैं. <br />होने को कुछ नहीं रहा <br />न खोने को................