18 जनवरी बड़ा गुरुवार चुपचाप अपने नहाने के पानी में डालें ये चीज इतना आयेगा पैसा की संभाल नही पाओगे <br /><br />अगर आपकी कुंडली में गुरु ग्रह का दोष है जिसके कारण आपकी शादी और भाग्य जैसी समस्याओं का सामना करना पड रहा है और यदि आपके अनूकुल स्थितियां होते हुए भी आपके विवाह में समस्या उत्पन्न हो रही है तो गुरुवार का दिन आपके लिए शुभ हो सकता है।<br /><br />गुरूवार को भगवान बृहस्पति देव की पूजा का विधान माना गया है। इस दिन पूजा करने से धन, विद्या, पुत्र तथा मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। परिवार मे सुख और शांति का समावेश होता है।<br /><br />गुरु दोष के शान्ति के लिए गुरुवार को कुछ उपाय करें जिससे आपको अपने काम में सफलता जरुर मिलेगी, क्योंकि गुरुवार का दिन हिंदू धर्म के देवताओं के गुरु ब्रहस्पति देव का होता है। गुरु आपके वैवाहिक और भाग्य का कारक ग्रह है। साथ ही यह दिन साई बाबा का भी होता है<br /><br />जानिए ऐसे उपाय के बारें में जिसे गुरुवार के दिन करनें से गुरु ग्रह के दोष दूर हो जाएगे साथ ही आपको धन-धान की प्राप्ति होगी।<br /><br />गुरुवार के दिन नहाते वक्त अपने नहाने वाले पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करे इसके बाद "ऊं नमो भगवते वासुदेवाय" का जप करते हुए केसर का तिलक apne mastik par लगाए और केले के वृक्ष में जल अर्पित हुए उसकी धूप- दीप से पूजा करे।<br />गुरुवार को सूर्योदय से पहले उठें। स्नान के बाद भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाएं। इसके बाद विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी करें।<br />अगर आपकी कुंडली में गुरु का दोष हो तो हर गुरुवार को शिवजी को बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। इससे आपको काफी फायदा मिलेगा।<br /><br />गुरुवार के दिन गुरु ग्रह शान्त करनें के लिए इस दिन व्रत रखें और पीले रंग के कपड़े पहनें। बिना नमक का बना खाना खाएं। कोशिश करें कि इस दिन अपनें खानें में पीले रंग के पकवान जैसे कि बेसन के लड्डू, आम आदि खाए।<br /><br />गुरुवार के दिन गुरु बृहस्पति की मूर्ति या फोटो में पीलें रंग के कपडें विराजित करें और पूजा करें। अपनी पूजा में पीले चावल, केसरिया चंदन, पीले फूल, प्रसाद में चाहे तो चने की दाल और गुड का इस्तेमाल करे यह शुभ माना जाता है औऱ पीलें की फलों को चढ़ाएं।<br /> <br />रोजाना 108 बार गुरु मंत्र का जप करें- मंत्र- ऊं बृं बृहस्पते नम:।<br /><br />गुरुवार को ब्रहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए पीली वस्तुओं का ही दान किसी गरीब व्यक्ति या किसी मंदिर में जाकर करें।