पश्चिमी सिंहभूम में बारिश से मची भारी तबाही ने सोनुवा हाईस्कूल जाने वाले बच्चों के परिजनों की परेशानी बढ़ा दी थी। दरअसल, सोनुवा-चक्रधरपुर मुख्य मार्ग पर गोलमुंडा पुल पर बना डायवर्सन पानी में बह गया था। पानी की लहरें ऐसी थीं कि तैरकर उस पार जाना संभव नहीं था। परिजनों का परेशान होना स्वाभाविक था, आखिकरार बच्चों के भविष्य का भी सवाल था। इस पुल को बनाने वाली कंपनी के कर्मचारी कुछ सक्रिय हुए, लेकिन वह मात्र दिखाने के लिए। ऐसे में ग्रामीण खुद जुट गए डायवर्सन बनाने में। अपनी एक दिन की मेहनत मजदूरी छोड़ी। जहां मशीन लगनी चाहिए, वहां उनके फौलादी हाथ ही मशीन बन गए। बस फिर क्या था- कुछ घंटों में वैकल्पिक पुल तैयार हो गया। पुल भी ऐसा जिस पर बाइक आराम से गुजर सके। शुक्रवार सुबह जब अपने बच्चों को इस पुल से गुजरते देखा तो लोगों के चेहरे में संतुष्टि के मुस्कान थे और जेहन में यह बात कि बच्चों के भविष्य के लिए ये मेहनत तो कुछ भी नहीं है।
