16 दिसंबर 2012 की रात देश की राजधानी दिल्ली को निर्भया गैंगरेप के रूप में एक गहरा घाव मिला था। इस घटना को 4 साल पूरे हो रहे हैं- आंदोलन हुए, संसद तक आवाज़ पहुंची और एक नया कानून भी बना लेकिन आंकड़ों पर नज़र डालें तो नतीजा अब तक भी सिफर ही नज़र आता है। निर्भया की मां आशा देवी की भी सबसे बड़ी चिंता यही है कि जैसे-जैसे साल बीतते जा रहे हैं इस समस्या के प्रति सरकार और समाज दोनों का रवैया टालने वाला होता गया है।<br />http://www.livehindustan.com/news/national/article1-livehindustan-special-interview-with-nirbhayas-mother-asha-devi-630754.html