प्रकृति की गोद में बसे पहाड़ों के बीच ऊंची चोटियों से बलखाती गिरती कंचन नीर और यहीं एक चोटी पर शिव-पार्वती का मंदिर। कहते हैं यह मंदिर प्रभु श्रीराम के जन्म से भी पहले का है, जिसे श्रृंगी ऋषि ने बसाया था और त्रेतायुग में यहीं पहाड़ की कंदराओं के बीच उनका आश्रम था।
