दिल जब कुछ कर गुजरने की ठान ले तो सारी कायनात मिलकर भी उसे रोक नही सकती। इसी का जीता जागता उदाहरण है कक्षा 12 की छात्रा व योग प्रशिक्षिका तबस्सुम आर्य। जिसने समाज व परिवार के तमाम विरोध के बावजूद योग को अपनाया और अब लोगों को रोग मुक्त बनाने के लिए शिविरों में पहुंचकर योग सिखा रहीं है<br />http://www.livehindustan.com/uttar-pradesh/moradabad/story-after-the-protest-of-family-tabasum-adopted-yoga-1145814.html<br />https://www.facebook.com/LiveHindustanNews/