साल 2013 का नरेन्द्र मोदी का ये बयान आपको सुनवाया है। तब मोदी पीएम नहीं थे, पीएम पद के दावेदार थे और इस बात का दावा भी करते नहीं थकते थे कि सत्ता में आए तो मनमोहन सरकार के वक्त आसमान छूटी पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों को गिरेबां से पकड़कर ज़मीन पर ले आएंगे। आज सत्ता में आए चार साल बीत गए और हकीकत ये है कि पेट्रोल-डीज़ल की कीमत इस वक्त देश में जितनी है उतनी देश के इतिहास में कभी नहीं रही। वो भी तब जब कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें 2013 के मुकाबले बहुत कम हैं। और इसीलिए आज हमारा सवाल ये है कि क्या मोदी सरकार सबकुछ जानते बूझते आम आदमी का तेल निकाल रही तेल की कीमतों का कुछ नहीं कर रही, क्या उसकी कुछ मजबूरी है या फिर 2014 के पहले कही बातें कोरी बयानबाज़ी थी और अब मोदी जी को समझ आ रहा है कि सरकार चलाने और विपक्ष में बैठकर सवाल उठाने में बहुत फर्क होता है. हम आपको विस्तार से समझाएंगे कि आखिर पेट्रोल डीजल की कीमत में आग क्यों लगी है और सरकार इसके लिए कर क्या सकती है. लेकिन उससे पहले कुछ आंकड़े देखिए.<br /><br /><br /><br />For More Information visit us: http://www.inkhabar.com/<br />Connect with us on Social platform at https://www.facebook.com/Inkhabar<br />Connect with us on Social platform at<br />https://twitter.com/Inkhabar<br />Subscribe to our YouTube channel: https://www.youtube.com/user/itvnewsindia