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GAYATRI MANTRA Arth, Jap aur Mahtva गायत्री मंत्र का अर्थ जाप और महत्व

2018-08-15 3 Dailymotion

गायत्री मंत्र<br />ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्॥<br /><br />गायत्री मंत्र को वेद ग्रंथ की माता के नाम से जाना जाता है |गायत्री मंत्र को हिन्दू धर्म का सबसे उत्तम मंत्र माना जाता है | यह मंत्र हमे ज्ञान प्रदान करता है | इस मन्त्र का अर्थ है की -<br /><br />"सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परमात्मा के तेज़ का ध्यान करते हैं ,वह तेज़ हमारी बुद्धि को सत्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें | "<br /><br />"हे प्रभु आप हमारे जीवन दाता हो ,आप हमारे दुःख दर्द का निवारण करने वाले हैं | आप हमे सुख और शांति प्रदान करने वाले हो ,हे संसार के विधाता हमे शक्ति दो की हम आपकी उज्जवल को प्राप्त क्र सके | कृपा करके हमे सही रास्ता दिखाएं जिससे हम हमारी बुद्धि का सदुपयोग करसके | " "यानि उस प्राण स्वरूप ,दुःख नाशक ,सुख स्वरुप श्रेष्ठ ,तेजस्वी ,पापनाशक ,देव स्वरुप परमात्मा को हम अन्तरात्मा में धारण करें | परमात्मा हमारी बुद्धि को सत्मार्ग पर प्रेरित करें |"<br /><br />यह मन्त्र भगवान सूर्य की पूजा अराधना हेतु श्रेष्ठ है |<br /><br />मन्त्र के प्रत्येक शब्द की व्यख्या :-<br /><br />भूर = मनुष्य को प्राण प्रदान करने वाला<br /><br />भुव = दुखो का नाश करने वाला<br /><br />स्वः =प्रदान करने वाला<br /><br />देवस्य =प्रभु<br /><br />धीमहिं =आत्म चिंत्तन के योग्य<br /><br />धीयो =बुद्धि<br /><br />यों =जो<br /><br />न !=हमारी<br /><br />प्रचोदयात = हमे शक्ति दें |<br /><br />माँ गायत्री पंच मुखी मानी जाती है ,यह हमारी पाँच इंद्रियों और प्राणों की देवी मानी जाती है |<br /><br />गायत्री मंत्र के जाप का समय :-<br />वैसे तो किसी भी समय गायत्री मंत्र का जाप किया जा सकता है लेकिन वेदो के इस सर्वश्रेष्ठ मंत्र का जाप हेतु सर्वश्रेष्ठ पहला समय प्रातःकाल यानि ब्रम्हमुहूर्त है जोसूर्योदय तक किया जा सकता है | दूसरा समय दोपहर का है तथा तीसरा समय गोधुलिवेला यानि सूर्यास्त के कुछ देर बाद तक जाप करना चाहिए |<br /><br />गायत्री मंत्र का महत्व -<br />गायत्री मंत्र हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों के लिए सबसे पवित्र मंत्र माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार यह वेदों का श्रेष्ठ मंत्र है। माना जाता है कि चारों वेदों का सार इस मंत्र में समाहित है। इस मंत्र में 24 अक्षर हैं जिन्हें 24 देवी-देवताओं का स्मरण बीज माना जाता है। यही 24 अक्षर वेद व शास्त्रों के ज्ञान का आधार भी बताये जाते हैं।<br /><br />गायत्री मंत्र का अर्थ -<br /><br />ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्॥<br /><br />गायत्री मंत्र को वेद ग्रंथ की माता के नाम से जाना जाता है | हिन्दू धर्म का सबसे उत्तम मंत्र माना जाता है | यह मंत्र हमें ज्ञान प्रदान करता है इसका अर्थ है की हे प्रभु आप हमारे जीवन दाता हो , आप हमारे दुःख दर्द का निवारण करने वाले है | आप हमें सुख और शांति प्रदान करने वाले है | हे संसार के विधाता हमें शक्ति दो की हम आपकी उज्जवल शक्ति प्राप्त कर सके | कृपा करके हमें सही रास्ता दिखाए जिससे हम हमारी बुद्धि का सदुपयोग कर सके| यानि उस प्राण सवरूप ,दुःख नाशक ,सुख स्वरुप ,श्रेष्ठ तेजस्वी पाप नाशक ,देवस्वरूप परमात्!!<br /><br />Contact us:- <br />+91 9571122777 (CUSTOMER SUPPORT) <br />+91-9929391753 (DELIVERY & RETURNS)<br /><br />Website:- www.panditnmshrimali.com<br /><br />FACEBOOK - https://www.facebook.com/nmshrimali<br /><br />Twitter - http://twitter.com/panditnmshrimal<br /><br />Instagram - http://instagram.com/astro_shoppiee<br /><br />Linkedln - http://www.linkedin.com/company/2711

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