artwork of blind man who makes chair since twenty years ago in farrukhabad<br /><br />फर्रूखाबाद। कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों- जी हां ये दो लाइन, जन्मांध श्याम सुंदर पर सटीक बैठती हैं। श्याम सुंदर कोई बड़ी हस्ती नहीं है, लेकिन वह ऐसा काम करते हैं जिसे जानकर आपको भी गर्व होगा। सोचिए, मनुष्य की जिंदगी में आखों की रोशनी के बिना अंधेरे में जीवन बिताना कितनी बड़ी चुनौती है। अब हम आपको ऐसे शख्स के बारे में बता रहे हैं जो बिना आंखों के कुर्सी बनाते हैं। दरअसल यूपी के फर्रूखाबाद में श्याम सुंदर बिना आंखों के कुर्सी बनाने की कलाकारी बहुत सालों से कर रहे हैं।<br />