क्या गाय की खूर के नीचे आकर कोई डॉक्टर-इंजीनियर बन सकता है, या वकील बन सकता है, बड़ा बिज़नेसमैन बन सकता है क्या ? क्या गोबर पर मासूम बच्चों को फेंककर उन्हें बीमारियों से बचाया जा सकता है ? क्या एक दूसरे पर पत्थर बरसाने से सुख और समृद्धि आ सकती है ? अगर नहीं तो फिर ये परंपराएं हैं ही क्यों ? इन जानलेवा परंपराओं को आस्था के नाम पर हम क्यों ढो रहे हैं ? अभी हाल ही में जब राम रहीम जैसे बाबा को कोर्ट ने बलात्कार का दोषी माना. कुछ सालों पहले आसाराम को लेकर ऐसी बातें सामने आई तो सवाल ये उठा कि ऐसे बाबाओं को बड़ा कौन करता है ? हम और आप न ? जिसे सब पता है लेकिन फिर वो मौन है, वो चुपचाप उस भेड़ चाल में शामिल हो जाते है जिसका रास्ता अंधविश्वास की अंधेरी गुफा में जाता है। लेकिन ऐसा कब तक चलेगा ?<br /><br /><br /><br />For More Information visit us: http://www.inkhabar.com/<br />Connect with us on Social platform at: https://www.facebook.com/Inkhabar<br />Connect with us on Social platform at: https://twitter.com/Inkhabar<br />Subscribe to our You Tube channel: https://www.youtube.com/user/itvnewsindia