मंदिर विवाद में तीन पक्ष हैं। इन सभी के बीच सहमति के बिना इस मुद्दे का हल नहीं निकल सकता। पहला पक्ष निर्मोही अखाड़ा है, जो गर्भगृह में विराजमान रामलला की पूजा और व्यवस्था शुरू से करता रहा है। दूसरा पक्ष है रामलला विराजमान, जिनका दावा है कि वो रामलला के करीबी मित्र हैं। चूंकि भगवान राम अभी बाल रूप में हैं, इसलिए उनकी सेवा करने के लिए वो जगह जहां रामलला अभी हैं, विराजमान पक्ष को दिया जाए। सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड तीसरा पक्ष है जो दावा करता है कि वहां बाबरी मस्जिद थी। 30 सितंबर, 2010 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवादित जमीन को तीनों पक्षों के बीच बराबर-बराबर बांट दिया था। लेकिन सभी पक्षों की अपील के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा दी और अब 5 दिसंबर से रोजाना सुनवाई करेगा। इसमें शिया भी एक पक्ष होंगे। दरअसल, शिया वक्फ बोर्ड का दावा करता है कि बाबरी मस्जिद मीर बाकी ने बनवाया था जो शिया थे। <br /><br />For More Information visit us: http://www.inkhabar.com/<br />Connect with us on Social platform at https://www.facebook.com/Inkhabar<br />Connect with us on Social platform at<br />https://twitter.com/Inkhabar<br />Subscribe to our YouTube channel: https://www.youtube.com/user/itvnewsindia