पिछले कुछ साल से आगरा के ताजमहल को मकबरा बनाम मंदिर के विवाद में बदलने की कोशिश चल रही थी। विनय कटियार से लेकर संगीत सोम तक दावा कर रहे थे कि ताजमहल वास्तव में तेजो महालय मंदिर है। आगरा के कुछ वकीलों ने तो अग्रेश्वर महादेव की ओर से सिविल सूट दाखिल कर दिया था। इस पर केंद्र सरकार और पुरातत्व विभाग ने अपना जवाब दे दिया है। पुरातत्व विभाग ने साफ-साफ कहा है कि ताजमहल सिर्फ मकबरा है,जिसे शाहजहां ने बनवाया था। इसका मंदिर या धार्मिक मान्यताओं से कोई लेना-देना नहीं है। ताजमहल की पहचान पूरी दुनिया में मुमताज की कब्र के रूप में है, फिर इसे मंदिर बताने की मुहिम क्यों चल रही है? क्या ताज को मंदिर बताने के पीछे सिर्फ राजनीति थी ?<br /><br />For More Information visit us: http://www.inkhabar.com/<br />Connect with us on Social platform at https://www.facebook.com/Inkhabar<br />Connect with us on Social platform at<br />https://twitter.com/Inkhabar<br />Subscribe to our YouTube channel: https://www.youtube.com/user/itvnewsindia