आज हम आपको समलैंगिक संबंधों को अपराध मानने वाली भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 377 के बारे में बताएंगे, क्या है बड़ी बातें-<br />धारा-377 इस देश में अंग्रेजों ने 1862 में लागू किया था. इस कानून के तहत अप्राकृतिक यौन संबंध को गैरकानूनी ठहराया गया है.<br />अगर कोई स्त्री-पुरुष आपसी सहमति से भी अप्राकृतिक यौन संबंध बनाते हैं तो इस धारा के तहत 10 साल की सजा व जुर्माने का प्रावधान है.<br />किसी जानवर के साथ यौन संबंध बनाने पर इस कानून के तहत उम्र कैद या 10 साल की सजा एवं जुर्माने का प्रावधान है. <br />सहमति से अगर दो पुरुषों या महिलाओं के बीच सेक्स भी इस कानून के दायरे में आता है.<br />इस धारा के अंतर्गत अपराध को संज्ञेय बनाया गया है. इसमें गिरफ्तारी के लिए किसी प्रकार के वारंट की जरूरत नहीं होती है. <br />शक के आधार पर या गुप्त सूचना का हवाला देकर पुलिस इस मामले में किसी को भी गिरफ्तार कर सकती है.<br />धारा-377 एक गैरजमानती अपराध है.<br /><br /><br /><br />#Section377<br /><br />For More Information visit us: http://www.inkhabar.com/<br />Connect with us on Social platform at https://www.facebook.com/Inkhabar<br />Connect with us on Social platform at<br />https://twitter.com/Inkhabar<br />Subscribe to our YouTube channel: https://www.youtube.com/user/itvnewsindia<br /><br /><br /><br />क्या है धारा 377<br />समलैंगिक सेक्स अपराध,<br />समलैंगिक सेक्स अपराध कितनी सजा और जुर्माना<br />समलैंगिक सेक्स सजा और जुर्माना<br />समलैंगिक सेक्स पर सजा और जुर्माना<br />समलैंगिक सेक्स पर जुर्माना<br />आइपीसी की धारा 377 <br />समलैंगिक संबंध अपराध <br />भारतीय दंड संहिता आइपीसी की धारा 377 <br />धारा 377 देश में कब लागु किया <br />अप्राकृतिक यौन संबंध गैरकानूनी <br />स्त्री-पुरुष अप्राकृतिक यौन संबंध <br />जानवर के साथ यौन संबंध <br />दो पुरुषों या महिलाओं के बीच सेक्स<br />धारा-377 गैरजमानती अपराध