राजस्थान में 2013 में कांग्रेस की हार के बाद सचिन पायलट ने पार्टी की कमान संभाली। खूब मेहनत की और पार्टी को खड़ा किया, इस बीच अशोक गहलोत केंद्र की राजनीति में शिफ्ट हो गये। सचिन को लगा कि मैदान साफ है लेकिन जैसे ही सत्ता आती दिखी अशोक गहलोत ने अपनी जादूगरी दिखाकर हाईकमान पर दबाव बनाया कि उन्हें और सचिन दोनों को चुनाव लड़ना चाहिए। उन्हें उम्मीद थी कि सचिन चुनाव जीत नहीं पाएंगे लेकिन सचिन जीत गये। फिर सीएम पद के लिए लाबिंग शुरू हो गयी जिसमें बाजी गहलोत के हाथ लगी। इससे सचिन पायलट नाराज हो गये, फिलहाल उन्हें समझा बुझाकर डिप्टी सीएम के लिए तो मना लिया गया है लेकिन वह कब तक चुप रहेंगे कहना.मुश्किल है।<br /><br /><br /><br />For More Information visit us: http://www.inkhabar.com/<br />Connect with us on Social platform at https://www.facebook.com/Inkhabar<br />Connect with us on Social platform at<br />https://twitter.com/Inkhabar<br />Subscribe to our YouTube channel: https://www.youtube.com/user/itvnewsindia