साहेबगंज सदर असस्पताल के मरीज वार्ड में बेड पर लाचार पड़े इस शख्स का दर्द सुनकर हर किसी का दिल पिघल जाएगा. लोग ये भी कहते हैं कि जवानी के दिनों में जिस पिता ने अपने दो बोटियों पर पाल-पोसकर बड़ा किया, उन्हें हर दुख से दूर रखा. आज उसे ही कोई सहारा देने वाला नहीं है.