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'Adi Kesava' is first and oldest temple of Kashi

2019-08-09 2 Dailymotion

यूपी का शहर वाराणसी जिसे हम प्राचीन काशी के नाम से भी जानते हैं। यह शहर अपने खूबसूरत और प्राचीन घाटों और काशी विश्‍वनाथ मंदिर के लिए ही मशहूर नहीं हैं, बल्‍िक उनके अलावा यहां पर है भगवान विष्‍णु द्वारा ही स्‍थापित 'आदि केशव मंदिर'। यह मंदिर भगवान शिव के विश्‍वनाथ मंदिर से भी ज्‍यादा प्राचीन माना जाता है। कई पौराणिक ग्रंथ इस मंदिर की स्‍थापना के साक्षी हैं। 'बना रहे बनारस' की इस कड़ी में आइए करें काशी के प्राचीनतम मंदिर का सफर। <br />कैंट स्टेशन से करीब आठ किलोमीटर दूर राजघाट के पास बसंता कालेज से होते हुए वरूणा-गंगा संगम पर यह बेहद सुन्दर मंदिर स्थित है। कथा के अनुसार राजा दिवोदास से काशी प्राप्ति की इच्छा से गणेश जी सहित सभी देवताओं को भगवान भोलेनाथ ने काशी भेजा था, लेकिन काशी को प्राप्त करने की उनकी इच्छा पूरी न हो सकी। क्योंकि जो भी देवता काशी को दिवोदास से मुक्त कराने आये वे यहां की सुन्दरता देखकर वापस भगवान शिव के पास नहीं गये। शिव जी ने इस कार्य के लिए भगवान विष्णु को काशी भेजा। भगवान शिव के निर्देश पर विष्णु जी लक्ष्मी सहित गरूड़ पर सवार होकर शिव जी की प्रदक्षिणा कर उन्हें प्रणाम किया और मंदराचल पर्वत से काशी के लिए चल पड़े। काशी में उन्हें वरूणा गंगा संगम स्थल पर श्वेत द्वीप दिखाई दिया। वे अपने वाहन के साथ इसी स्थान पर उतर गये। संगम पर उन्होंने स्नान किया। जिससे यह तीर्थ विष्णु पादोदक के नाम से प्रसिद्ध हुआ। स्नान के बाद भगवान विष्णु ने भोलेनाथ का स्मरण कर काले रंग के पत्थर की अपनी त्रैलोक्य व्यापिनी मूर्ति आदि केशव की स्वयं स्थापना की। साथ ही कहा कि जो लोग अमृत स्वरूप अविमुक्त क्षेत्र (काशी ) में मेरे आदि केशव रूप का दर्शन-पूजन करते हैं, वे सब दुःखों से रहित होकर अंत में अमृत पद को प्राप्त करेंगे।<br /><br />Subscribe now and watch more City and Campus videos at http://bit.ly/18P42Ol<br />Get some more dose of fun at http://bit.ly/ZhXpzm

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