जमाने से ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के साथ गलत व्यवहार होता आया है, उन्हें सम्मानजनक स्थान नहीं मिला है. 2014 में अपने एक ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर समुदाय को ‘तीसरे लिंग’ के रूप में मान्यता दी, जिससे ट्रांसजेंडरों को आखिरकार उनका अधिकार मिला.