वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग,<br />११ मई, २०१९<br />अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नॉएडा<br /><br />प्रसंग:<br /><br />हादी मैंनूं सबक पढ़ाया,<br />ओत्थे होर न आया-जाया,<br />मुतलिक ज़ात जमाल विखाया,<br />वहदत पाया ज़ोर नी।<br /><br />अर्थ: गुरु ने मुझे यह शिक्षा दी कि यह मार्ग ऐसा है कि वहाँ कोई आता-जाता नहीं है। गुरु ने मुझे निरपेक्ष सौन्दर्य का दर्शन करा दिया है और मैं उसी के रंग में ऐसी रंग गयी हूँ कि अद्वैत ज़ोर दिखाने लगा है।<br /><br />~ बाबा बुल्लेशाह<br /><br />क्या परिवार के साथ रहकर सच को नहीं पाया जा सकता?<br />परिवार सत्य का विरोध क्यों करता है?<br />परिवार को सत्य की राह पर कैसे लाएँ?<br />परिवार के साथ रहकर सत्य को कैसे पाएँ?<br />क्या सत्य पाने के लिए परिवार को छोड़ना ज़रूरी है?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते