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मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु कौन? || आचार्य प्रशांत, श्रीकृष्ण पर (2018)

2019-11-23 5 Dailymotion

वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />२२ फ़रवरी २०१८<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />अर्जुन उवाच,<br />अथ केन प्रयुक्तोSयं पापं चरति पुरुषः |<br />अनिच्छन्नपि वार्ष्णेय बलादिव नियोजितः || ३६ ||<br /><br />अर्जुन बोले- हे वार्ष्णेय! तो फिर यह मनुष्य स्वयं न चाहता हुआ भी किससे प्रेरित होकर पाप का आचरण करता है, जैसे उससे बलपूर्वक कराया जा रहा हो।<br /><br /><br /><br /><br />(अध्याय ३, श्लोक ३६)<br /><br />श्री भगवानुवाच<br />काम एष क्रोध एष रजोगुणसमुद्भवः |<br />महाशनो महापाप्मा विद्ध्येनमिह वैरिणम् || ३७ ||<br /><br />श्री भगवान् बोले- यह काम ही क्रोध है, जो रजोगुण से उत्पन्न हुआ है, यह सब कुछ खा जाने वाला और बड़ा पापी है। इसे ही वैरी जान।<br /><br /><br /><br /><br />(अध्याय ३, श्लोक ३७)<br /><br />प्रसंग:<br />मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु कौन?<br />रजोगुण क्या होता है?<br />सतोगुण क्या होता है?<br />रजोगुण और तमोगुण में क्या भेद है?<br />कृष्ण कामना को सबसे बड़ा शत्रु क्यों मानते है?<br />कामना क्या है?

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