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क्या हँसना-खेलना आध्यात्मिक व्यक्ति के लिए हराम है? || आचार्य प्रशांत, गुरु कबीर पर (2018)

2019-11-23 5 Dailymotion

वीडियो जानकारी:<br /><br /><br />हांसी खेल हराम है, जो जन रमते राम ।<br />मन्दिर इस्तरी , नहिं साधु काम काम ।।<br />~ गुरु कबीर<br /><br />प्रसंग:<br />संत कबीर क्यों कह रहे है कि हँसना-खेलना हराम है?<br />क्या हँसना-खेलना आध्यात्मिक व्यक्ति के लिए हराम है?<br />क्या कबीर साहब हँसने-खेलने को मना कर रहें हैं?<br /><br />जानें इन महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर, आचार्य प्रशांत जी द्वारा इस शब्दयोग सत्संग के माध्यम से-<br /><br />आचार्य प्रशांत<br />शब्दयोग सत्संग<br />१६ नवम्बर २०१८<br />इंदिरापुरम, ग़ाज़ियाबाद<br />उत्तर प्रदेश<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते

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