वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग, अद्वैत बोध शिविर<br />२९ सितम्बर २०१८<br />लखनऊ, उत्तर प्रदेश<br /><br />दोहा:<br />कहत सुनत सब दिन गए, उरझि न सुरझ्या मन।<br />कही कबीर चेत्या नहीं, अजहूँ सो पहला दिन।। (गुरु कबीर)<br /><br />प्रसंग:<br />मन क्या हैं?<br />मन उलझा हुआ क्यों रहता है?<br />उलझन क्या हैं?<br />मन में जो उलझनें रहती हैं उनको कैसे दूर करें?<br />मन अशांत क्यों रहता है?<br />मन को शान्ति कैसे मिले?<br />मन तनाव ग्रस्त क्यों रहता है?<br />मन में इतनी उलझनें क्यों रहती है?<br />मन में बहुत सारी परेशानियाँ क्यों चलती हैं?<br />मन बेचैनी से मुक्त कैसे हो?<br />मन की एकाग्रता से क्या आशय है?<br />मन हल्का और अनासक्त कैसे रहे?<br />मन प्रभावों से मुक्त कैसे हो?