वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />११ दिसम्बर २०१५<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />दोहा:<br />रूठे सुजन मनाइए, जो रूठे सौ बार|<br />रहिमन फिरि फिरि पोइए, टूटे मुक्ता हार.||<br /><br />प्रसंग:<br />सच्चे प्रेम की जीवन में कमी क्यों लगती है?<br />सच्चे प्रेम की ओर कैसे बढ़ें?<br />प्रेम कैसे पाएं?<br />जीवन में प्रेम की आवश्यक्ता क्यों लगती है?