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श्रीकृष्ण किस बुद्धि - स्थितधी - की प्रशंसा करते हैं? || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2019)

2019-11-26 2 Dailymotion

वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />20 जुलाई 2019<br />अद्वैत बोधस्थल ,ग्रेटर नॉएडा<br /><br />प्रसंग:<br /><br />श्रीमद्भगवद्गीता गीता (अध्याय 2, श्लोक 56)<br /><br />दुःखेष्वनुद्विग्नमनाःसुखेषु विगतस्पृहः।<br />वीतरागभयक्रोधःस्थितधीर्मुनिरुच्यते॥<br /><br />भावार्थः<br />दुःखों की प्राप्ति होने पर जिसके मन में उद्बेग नहीं होता,<br />सुखों की प्राप्ति में सर्वथा नि:स्पृह है तथा जिसके राग,<br />भय और क्रोध नष्ट हो गये हैं, ऐसा मुनि स्थिर बुद्भि कहा जाता है ।।<br />___<br /><br />मन को प्रभावित होने से कैसे बचायें?<br />'स्थितधी' क्या है?<br />मन की असलियत?<br /><br /><br /><br /><br />संगीत: मिलिंद दाते

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