वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />२७ नवम्बर २०१३<br />अद्वैत बोधस्थल, नोएडा<br /><br />प्रसंग:<br />धर्म का सही अर्थ क्या है?<br />धर्म का क्या है?<br />क्या होश में जीना ही एक मात्र धर्म है?<br />धर्म की प्रासंगिकता क्या है?<br />इंसान को धर्म की आवश्यकता क्यों है?<br />आज के मानव के लिए सच्चे अर्थों में धार्मिक होने के क्या मायने हैं?<br />धर्म को कैसे समझें?<br />कार्ल मार्क्स ने धर्म को लोगों का नशा क्यों कहा है? (Why Karl Marx has said Religion to be opium of the masses?)<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते