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निन्दा कहाँ से? अहं का स्त्रोत? || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2014)

2019-11-28 0 Dailymotion

वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />४ अप्रैल २०१४<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />दोहा:<br />निन्दक तोहे नाक बिन, सोहै नकटी माहि ।<br />साधुजन गुरुभक्त जो, तिनमे सोहै नाही ॥<br /><br />निन्दक नियरे राखिये, आंगन कुटी छवाय ।<br />बिन पानी-साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय ॥ (संत कबीर)<br /><br />प्रसंग:<br />निन्दा क्या है?<br />अहं का स्त्रोत क्या है?<br /><br /><br /><br /><br />कबीर साहब निंदकों को क्यों पास रखने के लिए कह रहे हैं?

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