वीडियो जानकारी:<br /><br />संवाद सत्र<br />२५ अक्टूबर, २०१३<br />एच.आई.ई,टी, ग़ाज़ियाबाद<br /><br />प्रसंग:<br />जीवन में दोहराव बहुत है , क्या इससे बाहर निकलने का कोई रास्ता है?<br />परिस्थिति को कैसे जबाब दे?<br />जीवन में जो हो रहा है उसको कैसे जाने?<br />अपने को कैसे समझे?<br />जीवन में नया कैसे लाये?