वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />१६ जनवरी २०१३<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />दोहा:<br />कोई कहे तिन ही को दोजख, जिन नाहिन पहिचाना।<br />एक पवन, एक ही पानी, एक ज्योति संसारा।<br />~ गुरु कबीर<br /><br />प्रसंग:<br />द्वैत क्या है?<br />द्वैत और अद्वैत में क्या अंतर है?<br />अद्वैत क्या है?<br />द्वैत को कैसे समझें?<br />'द्वैत के पीछे अद्वैत है,' ऐसा क्यों कहा जाता है?<br />मन द्वैत में क्यों जीता है?<br />मन को एकात्मक कैसे करें?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते