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कितने मालिक हैं तुम्हारे? || आचार्य प्रशांत, युवाओं के संग (2012)

2019-11-29 0 Dailymotion

वीडियो जानकारी:<br /><br />संवाद सत्र<br />१८ अक्टूबर, २०१२<br />बी.बी.एस.सी.इ.टी कॉलेज, इलाहाबाद<br /><br />प्रसंग:<br />मन एक जगह केंद्रित क्यों नहीं रहता है?<br />मन में गलत ख्याल क्यों आते हैं?<br />हम कोई भी काम डर के क्यों करते है?<br />दूसरे से प्रभावित होने से कैसे बचें?<br />जीवन में हमारा अपना क्या है?<br />हम पूरी तरह कंडिशंड है कैसे पता चले?<br />कंडीशनिंग से बाहर कैसे आये?<br />हमलोग सही- गलत का निर्धारण संस्कार के आधार पर क्यों करते है?<br />कहीं भी मन क्यों नहीं लगता?<br />कितने मालिक हैं तुम्हारे?<br />मन हमेशा भागता क्यों रहता है?<br />आखिर किसकी तलाश में है मन?<br />क्या मन तलाश का कोई अंत भी है? अगर है तो कहाँ है?<br />किसी भी काम में मन क्यों नहीं लगता है?<br />मन बेचैन क्यों रहता है?<br />मन तनाव ग्रस्त क्यों रहता है?<br />मन में बहुत सारी परेशानियाँ क्यों चलती हैं?<br />मन फ़िज़ूल चीज़ों को ही क्यों पकड़ता है?<br />मन को शांत कैसे रखें?<br />मन फ़िज़ूल चीज़ों में क्यों रस लेता है?<br />मन अशांत क्यों रहता है?<br />मन को शांत करने के उपाय क्या?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते

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