Surprise Me!

शिष्य का क्या दायित्व? || आचार्य प्रशांत, गुरु कबीर पर (2013)

2019-11-29 1 Dailymotion

वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />२७ जनवरी २०१३<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />दोहा:<br />सतगुरु साँचा शूरमा, नख शिख मारा पूर |<br />बाहिर घाव न दीसई, अंतर चकना चूर ||<br /><br />~ गुरु कबीर<br /><br />प्रसंग:<br />एक शिष्य, गुरु के लिए क्या कर सकता है?<br />गुरु- शिष्य क्या हैं वास्तव में?<br />गुरु- शिष्य में कैसा सम्बन्ध हो?<br />गुरु को कैसे समर्पित करें?<br />गुरु के सान्निध्य में होने का क्या आशय है?<br />शिष्य को अनुशासित होना कितना आवश्यक है?<br />गुरु से शिष्य को क्या मिलता है?<br />गुरु कौन?<br />किसी को गुरु मानने से पहले क्या ध्यान में रखना चाहिए?<br />आध्यात्मिक गुरु का क्या अर्थ है?<br />संतों ने गुरु को सबसे ऊँचा दर्जा क्यों दिया है?<br />मन गुरु के प्रति समर्पित कैसे रहे?<br />गुरु से मिली सीख को सदैव अपने साथ कैसे रखें?<br />गुरु के सान्निध्य से क्या लाभ है?<br />गुरु कबीर ऐसा क्यों कहते हैं कि 'गुरु गोबिंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय। बलिहारी गुरु आपने गोबिंद दियो मिलाय।।'<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते

Buy Now on CodeCanyon