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सच की गहराई, या कल्पना का विस्तार? || आचार्य प्रशांत, श्री योगवाशिष्ठ पर (2014)

2019-11-29 3 Dailymotion

वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />२३ अक्टूबर, २०१४<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />प्रसंग:<br />मिथ्या क्या है?<br />मेरी कल्पना मिथ्या है कैसे जाने?<br />मिथ्या, कल्पना से बाहर कैसे निकलें?<br />कल्पनाओं की जरूरत क्यों पड़ती है?<br />हम कल्पनाओं में क्यों जीते है?<br />वास्तविकता मैं कैसे जीए?<br />हम कल्पनाओं में क्यों जीते है?<br />वास्तविकता मैं कैसे जीए?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते

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