वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />२१ मई २०१४<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />दोहा:<br />शीलवन्त सुन ज्ञान मत, अति उदार चित होय |<br />लज्जावान अति निछलता, कोमल हिरदा सोय ||<br /><br />प्रसंग:<br />रिक्त हृदय भर कब पाया लेने से, पाया कितना यह साबित होता देने से?<br />पाना आवश्यक है या देना?<br />कुछ ऐसा है जो बाटने से बढ़ता है?