वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />११ दिसम्बर, २०१६<br />रमण महर्षि केंद्र, दिल्ली<br /><br />प्रसंग:<br />संत क्या किसी को अपना मानते हैं?<br />या संत के लिए सभी अपना ही है?<br />संत हम किसे कहते है?<br />क्या संत भी चाह होती हैं?<br />अपनापन का क्या आशय है?<br />संत पापी को भी क्षमा क्यों कर देता है?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते