योगी जी ये क्या कह रहे हैं, महिलाएं वही करती हैं जैसा उनके घरों के पुरुष उनसे करने के लिए कहते हैं. शाहीनबाग में जो महिलाएं एक महीने से ज्यादा समय से CAA का विरोध कर रही हैं, क्या वे पुरुषों के कहने पर कर रही हैं? क्या महिलाएं अपने फैसले खुद लेने के काबिल नहीं हैं?
