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तीन तरह की श्रद्धा: आपकी कौन सी? || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2019)

2020-03-31 1 Dailymotion

वीडियो जानकारी:<br />पार से उपहार शिविर, 8.11.2019, अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नॉएडा, उत्तर प्रदेश, भारत<br /><br />प्रसंग: <br />सत्त्वानुरूपा सर्वस्य श्रद्धा भवति भारत।<br />श्रद्धामयोऽयं पुरुष यो यच्छ्रद्धः स एव सः॥<br />श्रीमद्‍भगवद्‍गीता (अध्याय १७ श्लोक ३)<br /><br />अर्थ: हे भारत! सभी मनुष्यों की श्रद्धा उनके अन्तःकरण के अनुरूप होती है। <br />यह पुरुष श्रद्धामय है, इसलिए जो पुरुष जैसी श्रद्धावाला है, वह स्वयं भी वही है॥ <br /><br />~ तीन तरह की श्रद्धा कौनसी?<br />~ इनमें से सबसे उच्चतम् श्रद्धा कौनसी?<br />~ उच्चतम् श्रद्धा को कैसे हासिल किया जा सकता है?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते

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