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क्यों कहते हैं कि व्यक्ति अपने पूर्वजन्मों का फल भोगता है? || आचार्य प्रशांत, उत्तर गीता पर (2019)

2020-03-29 1 Dailymotion

वीडियो जानकारी:<br />अद्वैत बोध शिविर, 27.12.19, ग्रेटर नॉएडा, उत्तर प्रदेश, भारत<br /><br />प्रसंग: <br />यद यच्च कुरूते कर्म शुभं वा यदि वाशुभम।<br />पूर्वदेहकृतं सर्वमवश्यमुपभुज्यते।।<br /><br />भावार्थ: मनुष्य शुभ अथवा अशुभ जो जो कर्म करता है,<br /> पूर्वजन्म के किये गए उन सब कर्मों का फल उसे अवश्य भोगना पड़ता है।।<br />~उत्तर गीता (अध्याय ३, श्लोक १२)<br /><br />~ क्या पुनर्जन्म होता है?<br />~ क्या मृत्यु के बाद भी जीवन है?<br />~ क्या व्यक्ति अपने पूर्वजन्म के फल को भोगता है? <br />~ क्या कर्म के सिद्धांत पुनर्जन्म पर भी लागू होते हैं? <br /><br />संगीत: मिलिंद दाते

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