<p>झांसी के एरच में बुन्देली परम्परा के साथ होली महोत्सव की शुरुआत हो गई है। एरच में स्थानीय लोगों ने होली महोत्सव शुभारम्भ में भक्त प्रहलाद और भगवान नरसिंह की शोभा यात्रा निकाली। जिसमें ढोल-नगाड़े और घोड़े भी शामिल हुए, यह शोभा यात्रा एरच नगर में घूमी, जिसका जगह-जगह स्वागत किया गया। जिसमे घोड़ो का जमकर नृत्य कराया गया जो आकषण का केंद्र बना रहा। होली की शुरुआत झांसी के एरच कस्बे से हुई थी। यह इलाका सतयुग में एरिकच्छ नाम से प्रसिद्ध हुआ करता था। यह एरिकच्छ दैत्यराज हिरणाकश्यप की राजधानी थी। हिरणाकश्यप का बेटा भगवान विष्णु का भक्त था। जिसे होलिका अपने गोद में लेकर आग में बैठी थी। जिसमें होलिका जल गई और भक्त प्रहलाद बच गया। तभी से बुन्देलखंड के झांसी के एरच से होली की शुरुवात हुई। इसी परम्परा को आगे बढाते हुए स्थानीय लोगों ने एक शोभा यात्रा निकाली। जिसमें भक्त प्रहलाद और भगवान नरसिंग रुपी झाकियां सजाई गईं थी। इसके साथ ही शोभा यात्रा में ढोल-नगाढ़े और घोड़े शामिल हुए। घोड़ों और स्थानीय क्षेत्रवासियों ने जमकर डांस किया, इसके साथ ही एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली महोत्सव की शुरुवात की। इस मौके पर गरौठा विधायक जवाहर लाल राजपूत समेत अन्य लोग मौजूद रहे।</p>