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2020-04-07 1 Dailymotion

<br />बंद हुई सूरत की कंपनी, 3 दिन, 2 रात 500 किमी पैदल चले, पैरों में पड़े छाले <br /><br />-जिले के उमरियापान क्षेत्र से मजदूरी करने गए थे चार युवकए काम मिलने के तीन दिन बाद ही कोरोना के कहर से कंपनी में लगा ताला<br /><br />-भूख.प्यास और छाले के दर्द से कराहते युवक पहुंचे पीरबाबा बाइपासए ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने पूछा कारण तो छलका बेरोजगारी का दर्दए पुलिस ने दिखाई इंसानियत<br /><br />कटनी. काम धंंधे की तलाश में प्रदेश से बाहर गए मजदूरों का लॉक डाउन की वजह से लौटना शुरू है। बड़ी तादात में कोई भोपालए जबलपुर के रास्ते कटनी तक पहुंचा तो कोई यहां से पन्ना सतना तक जा रहा। रास्ते की स्थिति ऐसी है कि वाहन मिल गया तो ठीक है नहीं तो पैदल ही जा रहे। इतना ही नहीं इनके जेब में न पैसा है न ही भोजन। इसके बावजूद इनकी मंजिल है अपने गांव पहुंचना। सोमवार सुबह 10 बजे के लगभग भूख.प्यास और छाले के दर्द से कराहते चार की संख्या में युवक सामान लिए पीरबाबा बाइपास पहुंचे। <br />प्रधान आरक्षक नेश्रमिकों के पैर में लगाया मलहम<br />ड्यूटी पर तैनात उपनिरीक्षक पंकज शुक्लाए प्रधान आरक्षक विजेंद्र तिवारी और नकुल पटेल ने चारों युवकों को रोककर कहा से आ रहे इसकी जानकारी मांगी। सुवक सोमनाथ, सत्यम, विनय पटेल और रविंद्र कुमार लोधी ने उमरियापान जाने की बात कही। पैदल चलते.चलते दो युवकों के पैर में पड़े छाले कट गए थेए जिससे वे दर्द से कराह रहे थे। पुलिसकर्मियों ने तुरंत डिटॉल और ट्यूब मंगार्ई। पैरों को धुलवाकर पुलिसकर्मियों ने अपने ही हाथों से मलहम लगाया।<br />देखते ही पिटाई करने लगती है पुलिस<br />युवकों ने बताया कि गांव में रोजगार न मिल पाने की वजह से 15 हजार रुपये की नौकरी करने सूरत गए थे। तीन दिन तक काम ही किया था कि करोना वायरस को लेकर हुए लॉक डाउन की वजह से कंपनी बंद हो गई। ठेकेदार भी अपने घर चला गया। भोजन पानी भी मिलना बंद हो गया। सड़क पर दिखते ही पुलिस डंडे मारने लगती थी। <br />सूरत से भोपाल तक पहुंचे पैदल<br />लॉक डाउन की वजह से काम बंद हो गया। आवागमन के साधन भी बंद हो गए। ऐसे में घर पहुंचने के लिए चारों लोग पैदल ही चल पड़े। वहां के लोगों से सार्टकट रास्ता पूछा। 3 दिन और दो रात पैदल चले। बिस्किट और मूंगफली खाकर पेट लगभग 500 किमी का सफर तय कर भोपाल पहुंचे। यहां पर पुलिस ने स्क्रीनिंक कराई। ट्रक से रीठी तक पहुचवाया। वहां से फिर पैदल चले और पीरबाबा बाइपास पहुंचे। युवकों की परेशानी सुनने के बाद माधवनगर पुलिस ने वाहन की व्यवस्था की और युवकों को गांव तक पहुंचवाया। <br />इधर पत्रिका टीवी में खबर प्रसारित होते ही एक्शन में आए एसपी, बाइपास में मिलेगी इलाज की सुविधा<br />लगभग 500 किमी से अधिक का पैदल सफर तय कर भोपाल। वहां से ट्रकों के माध्यम से कटनी जिले की रीठी तहसील पहुंचने वाले उमरियापान के चार युवकों के पैरों में छाले पड़ गए थे। बाइपास पर इलाज की सुविधा न होने पर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी ने अपने वाहन से डिटॉल मंगवाया। मेडिकल स्टोर से दवाई मलहम खरीदा। पैर धुलवाकर घाव वाले स्थान पर आरक्षक ने खुद ही मलहम लगाया। जिसको पत्रिका टीवी ने प्रमुखता से प्रसारित किया। मामले को संज्ञान में लेते हुए जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन हरकत में आया। पीरबाबा बाइपास से पैदल गुजरने वाले लोगों को 24 घंटे इलाज मिल सकेए इसके लिए अब एक दवाइयों से भरा वाहन खड़ा रहेगा। थाना प्रभारी माधवनगर संजय दुबे ने बताया कि हर समय बाइपास पर इलाज की सुविधा यहां से गुजरने के दौरान मिलेगी। <br />

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