अस कहि चला बिभीषनु जबहीं। आयूहीन भए सब तबहीं।।<br />साधु अवग्या तुरत भवानी। कर कल्यान अखिल कै हानी।।<br />रावन जबहिं बिभीषन त्यागा। भयउ बिभव बिनु तबहिं अभागा।।<br />चलेउ हरषि रघुनायक पाहीं। करत मनोरथ बहु मन माहीं।।<br />देखिहउँ जाइ चरन जलजाता। अरुन मृदुल सेवक सुखदाता।।<br />जे पद परसि तरी रिषिनारी। दंडक कानन पावनकारी।।<br />जे पद जनकसुताँ उर लाए। कपट कुरंग संग धर धाए।।<br />हर उर सर सरोज पद जेई। अहोभाग्य मै देखिहउँ तेई।।<br />दो0= जिन्ह पायन्ह के पादुकन्हि भरतु रहे मन लाइ।<br />ते पद आजु बिलोकिहउँ इन्ह नयनन्हि अब जाइ।।42।। <br /><br />#Sanware_Ghanshyam_Tum_To_Prem_Ka_Avtaar_Ho #krishnabhajan<br /><br />YouTube : https://www.youtube.com/balajibhakt<br />Website : http://www.balajibhakt.in/<br />FB Page : https://www.facebook.com/babakabhakt/<br />Instagram : https://www.instagram.com/balajibhakt16/ <br />Ram Lekhan App Link : https://goo.gl/d8GmdA<br />APP Link : https://goo.gl/Z98w8o