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जिस दिन जफरुल इस्लाम ने चिट्ठी लिखी उसी दिन तय हो गया उन्हें संविधान में विश्वास नही : संबित पात्रा

2020-05-11 81 Dailymotion

मजहब के उन ठेकेदारों से समाज को सतर्क रहने की जरूरत है जो धर्म के नाम पर शब्दों की मर्यादा लांघ जाते हैं. भड़काऊ भाषणों की फेहरिस्त में जफरुल इस्लाम कान का नाम भी शामिल हो गया है. वह भारत के अंदरूनी मामलों को एक इंटरनेशनल मुद्दा बनाने में लगे. इसी पर देखिए बड़ी बहस.

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