Surprise Me!

छोटे आम से लदे नीम के पेड़

2020-06-17 291 Dailymotion

<br />औषधीय गुणों से भरपूर छोटा आम<br />बीमारियों से भी दिलाता है छुटकारा<br /><br />मानव का पेड़ पौधों के साथ अटूट रिश्ता रहा है। यह न केवल हमें छाया प्रदान करते हैं बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण कई बीमारियों से भी छुटकारा दिलाते हैं। वास्तव में पेड़ पौधे प्रकृति की एक अनमोल देन हैं, जो पर्यावरण में मौजूद तमाम जहरीली गैसों को ग्रहण कर हमें शुद्ध ऑक्सीजन देते हैं। हम बात कर रहे हैं नीम के पेड़ की। जो निंबोली से लदकद है और यह स्वास्थ्य के लिए उत्तम औषधि है। निंबोली अमूमन मईजून में पेड़ों पर लगती है और जुलाई के दूसरे पखवाड़े में पकने लगती है। स्वाद में मीठी होने के कारण गांव के कई लोग इन्हें छोटा आम कह कर बुलाते हैं और चाव से खाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनका उपयोग कई बीमारियों और फसल में लगे कीटनाशक को समाप्त करने में भी किया जा सकता है। कहा जाता है कि गुर्जर जाति के लोग आज भी नीम के पेड़ की लकड़ी को ईंधन के रूप में काम में नहीं लेते हैं, क्योंकि वे नीम में नारायण भगवान का वास मानते हैं। वहीं शास्त्रों में कहा गया है कि नीम का पेड़ घर में रहने से सकारात्मक उर्जा का वास होता है।<br /><br />खेती में भी उपयोग.<br />कृषि विशेषज्ञों के अनुसार बराबर मात्रा में नीम की पत्तियां या निंबोली बारीक पीस लें और करीब 10 से 12 घंटे तक इन्हें पानी में एक जगह रख दें। बाद में रस निकालकर पानी में मिला ले और घोल का फसल पर छिड़काव करें। विशेषकर खरीफ फसल चावला.मूंग पर, ताकि कीट फसल को नुकसान न पहुंचाए। इस घोल के छिड़काव से कीट फसलों पर नहीं बैठते, बल्कि इसकी गंध से दूर भागते हैं । निंबोली को सुखाकर एवं पीसकर खेत में डालने से दीमक भी नष्ट हो जाती है।<br /><br />बीमारियों में लाभदायक.<br />औषधीय गुणों से भरपूर निंबोली को चूसने एवं सूखी हुई निंबोली का इस्तेमाल कई बीमारियों में होता है। इसमें कई विटामिन एवं प्रोटीन मौजूद होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं। निंबोली पायस, फंगल इन्फेक्शन, चर्म रोग एवं मधुमेह कुष्ठ जैसे रोगों में अत्यंत फायदेमंद है जबकि नीम रक्तशोधक है जो रक्त संबंधी जैसे दाद, खाज, खुजली, फोड़ा फुंसी जैसी बीमारियों को ठीक कर खून साफ करता है।

Buy Now on CodeCanyon