कोरोना महामारी के बीच बेरोजगार हुए मजदूरों के लिए मनरेगा का सहारा था। लेकिन कई मजदूरों के लिए इस मजदूरी के दिन भी पूरे होने वाले हैं। 100 दिन मनरेगा में काम का नियम उनकी रोजी रोटी पर फिर संकट बढ़ाएगा। इसलिए केंद्र सरकार से मांग की जा रही है कि मजदूरी के इन दिनों में 100 दिन और बढ़ा दिए जाए। <br /><br />राज्य में 38 लाख मजदूर <br />राजस्थान की बात करें तो यहां इस समय महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत 38 लाख मजदूर काम कर रहे हैं। महामारी के समय में दूसरे राज्यों से लौटे मजदूरों को भी यहां काम दिया गया और सरकारी पेटे के निर्माण कार्यों में तेजी लाई गई। ताकि मजदूर बेरोजगार ना हों, लेकिन यह 100 दिन पूरे होते ही इन लाखों मजदूरों के परिवारों पर रोजी—रोटी का संकट होगा। <br /><br />अप्रेल तक थे 60 हजार <br />राज्य में 15 अप्रेल तक जारी आंकड़ों के मुताबिक 60 हजार मनरेगा श्रमिक काम कर रहे थे। उनके 100 दिन अगले माह यानी जुलाई में पूरे हो जाएंगे। 22 अप्रेल को उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने 6 लाख प्रवासी मजदूरों को मनरेगा से जोड़ इस योजना के तहत काम शुरू करवाया। उसके बाद से लगातार इसकी संख्या बढ़ती रही। अब 38 लाख से ज्यादा श्रमिक काम कर रहे हैं। वहीं खेतों पर व अन्य जगहों पर काम कर रहे श्रमिकों को भी सरकार ने मनरेगा के तहत ही मजदूरी देने का ऐलान किया था। ऐसे में श्रमिकों की संख्या 50 लाख पहुंच गई है। इनमें से अधिकांश के 100 दिन भी अगस्त तक पूरे हो जाएंगे। <br />200 दिनों के रोजगार की मांग <br />मनरेगा में 200 दिन के रोजगार के साथ ही औजार भत्ते की मांग को लेकर राजस्थान के 25 जिलों में गुरुवार प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया। सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान राजस्थान की ओर से इस मांग को लेकर राज्य में जयपुर, अजमेर सहित हर गांव—शहर में रैलियां निकाली गई। अभियान से जुड़े मुकेश गोस्वामी ने बताया कि अभी 50 लाख से अधिक मज़दूर प्रतिदिन काम कर रहे हैं। इनमें से कई मजदूरों के 100 दिन इस माह के अंत या अगले माह तक पूरे हो जाएंगे। इसके बाद उनके पास कोई काम नहीं रहेगा और इस वित्तीय वर्ष के 8 महीने बाकी रहेंगे। अन्य कारखानों या शहरों में मजदूरी के काम अभी सुचारू नहीं हो पाए हैं। ठेले वाले भी इस मनरेगा में ही काम कर रहे हैं। जब तक कोरोना काल में सभी का रोजगार सुचारू नहीं हो जाता, मनरेगा में 100 दिनों का अतिरिक्त काम दिए जाने की आवश्यकता है।