स्कूल के नजीर बने शिक्षक<br />15 दिन तक रोजाना एक घंटे किया श्रमदान<br /><br /> वैश्विक महामारी कोरोना के चलते पूरी दुनिया त्रस्त है। भले ही विद्यालय खुल गए हो, लेकिन अभी भी स्कूलों में पढ़ाई नहीं करवाई जा रही। ऐसे में शिक्षक समय का सदुपयोग करते हुए विद्यालय की दशा सुधारने में लगे हैं। जजावर कस्बे के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों ने पूरी मेहनत और लगन से विद्यालय की काया पलट दी। अभी विद्यार्थियों की छुट्टियां चल रही हैं लेकिन शिक्षक स्कूल आ रहे हैं। ऐसे में इन दिनों का सदुपयोग करते हुए शिक्षक विद्यालय परिसर गंदगी और झाडफ़ूस को हटा रहे हैं।<br /><br />रोजाना एक घंटे की साफ सफाई<br /> शिक्षकों ने बताया कि कोरोना में पहले तो शिक्षकों की ड्यूटी चैक पोस्ट पर लगाई। इसके बाद में सर्वे का कार्य दे दिया। अब रोजाना वह एक घंटे का समय निकाल कर साफ सफाई कर रहे हैं। साफ सफाई का काम एक जुलाई से चल रहा है। स्कूल में कुल 19 लोगों का स्टाफ है। सभी शिक्षकों ने मेहनत और लगन से साफ सफाई की, इसी का नतीजा है कि पूरा स्कूल परिसर चमक रहा है।<br /><br />घर की सफाई करते हैं तो स्कूल की क्यों नहीं<br />शिक्षकों ने पत्रिका को बताया कि जब अपने घरों की साफ सफाई कर सकते हैं तो विद्यालय की साफ सफाई क्यों नहीं। हमारा आधा समय विद्यालय में ही बीतता है। प्रधानाचार्य सोजी लाल मीणा की प्रेरणा से शिक्षकों ने मेरी शाला मेरी जिम्मेदारी ध्येय को आत्मसात कर अपनी स्कूल की साफ सफाई की जिम्मेदारी ली है। शिक्षक अपने छात्रों के लिए प्रेरक बन रहे हैं।<br /><br />विकलांग शिक्षक ने निभाई भागीदारी<br /> कस्बे के शिक्षक छोटू लाल वर्मा विकलांग होने के बावजूद विद्यालय परिसर की साफ सफाई में उत्साह व जोश के साथ अपना योगदान दे रहे हैं। वर्मा ने बताया कि अपने स्कूल की स्वच्छता के लिए तत्पर है। वह अपने छात्रों व युवा शिक्षकों के लिए प्रेरणास्रोत बने हैं।<br /><br />इनका कहना है<br /> विद्यालय परिसर में काफी गंदगी फैल गई थी। सभी स्टाफ साथियों के द्वारा रोजाना एक घंटे तक नियमित श्रमदान किया। मैं खुश हूं कि मेरे स्टाफ ने इस पहल में अपना योगदान दिया। जब हम घर में साफ कर सकते हैं तो विद्यालय भी तो हमारा घर जैसा है।<br />सोजी लाल मीणा, प्रधानाचार्य