नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने बुधवार को नई शिक्षा नीति को हरी झंडी दे दी है। भारत की शिक्षा नीति में 34 साल बाद बदलाव किया गया है। वरिष्ठ शिक्षाविद और मानव संसाधन मंत्रालय के तकनीनी शब्दावली आयोग के विषय विशेषज्ञ डॉ. अवनीश पांडे के मुताबिक 3 से 18 साल तक बच्चों के लिए निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था की गई है। छठी क्लास से ही बच्चे को वोकेशनल ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसमें गार्डनिंग, कारपेंटर, कंप्यूटर आदि की शिक्षा शामिल है। जब विद्यार्थी 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करेगा तो उसके साथ एक हुनर भी जुड़ा रहेगा। <br /> <br /> <br />नई शिक्षा नीति के बाद 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। परीक्षा को ऑब्जेक्टिव और डिस्क्रिप्टिव श्रेणियों में विभाजित किया गया है। परीक्षा का उद्देश्य ज्ञान का परीक्षण होगा। इससे रटने की प्रवृत्ति दूर होगी तथा बच्चा मानसिक दबाव से भी मुक्त होगा। नई शिक्षा नीति (New Education Policy 2020) में पांचवी कक्षा तक मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई करवाने को प्राथमिकता दी जाएगी। <br /> <br /> <br /> <br />माना जा रहा है कि 10+2 प्रणाली से 5+3+3+4 प्रणाली की ओर बढ़ना अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक मानदंडों के अनुरूप है। जानकारों का मानना है कि यह नीति कौशल और ज्ञान के मिश्रण से स्वस्थ माहौल सृजित करेगी। IIM और IIT के ढांचे छोटे होने के कारण काफी प्रतिभा होने के बावजूद वे दुनिया के शीर्ष 100 संस्थानों की सूची मे नहीं आ पाते हैं। तकनीकी संस्थानों के बहुआयामी बनने से आईआईएम और आईआईटी को मदद मिलेगी।