<br />दिव्यांग अधिवक्ताओं पर भारी विधि विभाग की सुस्ती<br />विधि विभाग ने नहीं की न्यायालय के आदेश की पालना<br />केंद्र में नहीं भेजा आरक्षण का प्रावधान लागू करने का प्रस्ताव<br />प्रदेश के विधि विभाग की सुस्ती दिव्यांग अधिवक्ताओं पर भारी पड़ रही है। नोटेरी पब्लिक के पद पर दिव्यांग अधिवक्ताओं पर आरक्षण का प्रावधान लागू करने और उन्हें अनुभव में छूट देने को लेकर हेमंत भाई गोयल ने विशेष<br />योग्यजन न्यायालय में परिवाद दायर किया था। न्यायालय ने इस संबंध में विधि विभाग को निर्देश दिए थे कि इस मामले में<br />आवश्यक प्रस्ताव सक्षम अनुमोदन के बाद केंद्र सरकार को भेजा जाए, लेकिन आठ माह बाद भी विधि विभाग केंद्र सरकार को इस मामले में कोई प्रस्ताव नहीं भेज सका है। गौरतलब है कि नोटेरी अधिनियम में संशोधन करने का<br />अधिकार केंद्र सरकार के पास है, राज्य सरकार के स्तर पर इसमें बदलाव नहीं हो सकता।