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SC कह चुकी है कि लोकतांत्रिक संस्थाओं की आलोचना हो सकती है : केटीएस तुलसी

2020-08-18 5 Dailymotion

खुद को सेक्युलर बताने वाले चेहरे देश की सबसे बड़ी अदालत पर टीका टिप्पणी से बाज नहीं आते हैं. यह फेहरिश्त बहुत लंबी है. इसी में एक नाम है प्रशांत भूषण. जिनके दो ट्वीट उनके लिए मुसीबत बन गए हैं. 20 अगस्त को वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण की सजा पर बहस होनी है. वहीं एक ग्रुप सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चला रहा है. क्या यह न्यायपालिका पर दबाव बनाने की साजिश है? इसके साथ ही सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या प्रशांत कैंप खुद को अदालत से ऊपर समझता है? सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी ने कहा कि देश की सर्वोच्च अदालत स्वयं कह चुकी है कि सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं की आलोचना हो सकती है. <br />#DeshKiBahas #PrashantBhushan #SupremeCourt

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