4500 जांच रोज करने वाली कोबोस 8800 मशीन जयपुर के बजाय केन्द्र के निर्देश पर पटना डायवर्ट, प्रदेश ने मशीन के लिए जोधपुर को दी पहली वरीयता <br /><br /><br />अमरीका से राजस्थान के लिए दो मंगवाई गई थी मशीनें, अब नई मशीन आने के बाद नवंबर तक ही लग पाएगी जयपुर में मशीन <br /><br />जबकि..बिहार की मृत्यु व रिकवर दर दोनों राजस्थान से बेहतर, जांच प्रयोगशालाएं भी बिहार में अधिक <br /><br />जबकि..जोधपुर की तुलना में जयपुर की मृत्यु दर और रिकवर दर कई अधिक <br /><br /><br /><br />जयपुर। राजस्थान में बढ़ रहे कोविड—19 संक्रमण को देखते हुए जयपुर और जोधपुर के लिए अमरीका से मंगवाई गई आधुनिकतम कोबोस—8800 जांच मशीन फिलहाल जयपुर को नहीं मिल पाएगी। इस मशीन को केन्द्र के निर्देश पर पटना के लिए डायवर्ट कर दिया गया है। माना जा रहा है कि बिहार में कोरेाना संक्रमण की अधिक संख्या को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। प्रदेश में भी राजधानी जयपुर के बजाय इस मशीन को स्थापित करने की पहली वरीयता जोधपुर को दी गई है। अब पहले जोधपुर में ही यह मशीन लगाई जाएगी। जयपुर को अब नई मशीन आने तक नवंबर तक इस मशीन के लिए इंतजार करना पड़ेगा। <br /><br />इस आधुनिकतम मशीन की प्रति दिन कोरोना टेस्ट करने की क्षमता 4500 है। सरकार का दावा है कि जोधपुर में यह मशीन अगले 15 दिन में काम करना शुरू कर देगी। प्रदेश में अभी प्रतिदिन कोरोना जांच करने की क्षमता 46 हजार टेस्ट प्रतिदिन है। इन दोनों मशीनों के स्थापित होने के बाद यह क्षमता 60 हजार प्रतिदिन तक पहुंच जाएगी। वहीं, पत्रिका की पड़ताल में सामने आया कि बिहार की मृत्यु दर और रिकवर दर दोनों ही राजस्थान की तुलना में अच्छी है, साथ ही वहां जांच प्रयोशालाएं भी प्रदेश की तुलना में अधिक है। इतना ही नहीं प्रदेश में भी जोधपुर की तुलना में जयपुर की मृत्यु दर कई अधिक है। बिहार और जोधपुर राजस्थान की तुलना में संक्रमितों की संख्या में ही अधिक हैं, लेकिन नियंत्रण में दोनों बेहतर हैं। <br /><br />तीन महीने के इंतजार बाद भी निराश हुआ जयपुर <br /><br />इस मशीन के आने का करीब तीन महीने से इंतजार किया जा रहा है। पहले कहा जा रहा था कि जून या जुलाई में ही यह मशीन आ जाएगी। लेकिन अब भी प्रदेश में कहीं भी यह जांच शुरू नहीं हो पाई है। अब नवंबर तक इंतजार जयपुर शहर को इस जांच की सुविधा के लिए करना होगा।<br />