कोरोनावायरस ने लगभग पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले रखा है . इस वायरस का असर व्यापक है. हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी खराब नोटों के विवरण से पता चलता है कि इस बार रिजर्व बैंक तक पहुंचने वाले खराब नोटों की संख्या ने रिकार्ड तोड़ दिया है.इसके पीछे कोरोना का भय प्रमुख कारण है.<br />नोटों से कोरोना संक्रमण फैलने की रिपोर्ट आने के बाद करेंसी को हैंड सेनेटाइजर से विसंक्रमित करने का सिलसिला शुरू हो गया। शुरुआत में लोगों ने नोटों को धो तक डाला,जिससे बड़ी मात्रा में नोट खराब हुए हैं. मगर दूसरी ओर देश का एक तबका ऐसा भी है जिसको कई कई दिन नोट देखने को नसीब नहीं होता. अर्थव्यवस्था में कमजोरी के चलते देश का मजदूर वर्ग पहले ही बड़ी मुश्किल से अपना गुजारा चला रहा था लेकिन कोरोना काल में तो फैक्ट्रियों और कारखानों पर ताले पड़ने और अर्थव्यवस्था के ठप होने से लोग भारी मात्रा में बेरोजगार हो गए .ऐसी स्थिति में इन लोगों के लिए कामना और नोट हासिल करना दूर की कौड़ी हो गई.<br />देखिये इस मुद्दे पर कार्टूनिस्ट सुधाकर का नजरिया
