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पूर्ण संत हमारे पापों कर्म का नाश करके हमारे पुण्य बढ़ाते हैं।
2020-11-06
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पूर्ण संत हमारे पापों कर्म का नाश करके हमारे पुण्य बढ़ाते हैं।
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हमारे सनातनी समाज में जीव दया, प्रेम से बड़ा कोई दूसरा पुण्य नहीं हैं. बेजुबान-बेसहारा जानवरों की सेवा हमें पापों से मुक्ति दिला हमें लाखों के पुण्य की प्राप्ति दिलाती
कर्म और कर्म का फल अलग-अलग हैं क्या? || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2016)
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जो ऐसे भक्ति बताते हैं वही है पूर्ण संत!
_मन मानसरोवर मेल रे।शब्दवाणी।शब्द।ॐ तत् सत् मंत्र।सतनाम।सारनाम।सारशब्द।सतलोक।सतगुरु रामपाल जी भगवान।गरीब दास जी की वाणी। संत रामपाल जी भगवान कि भक्ति।संत कबीर।तत्वज्ञान।तत्वदर्शी संत।पूर्ण संत।पूर्णब्रह्म परमेश्वर बंदीछोड़ समर्थ सतगुरु रामपाल जी भगवान ही।
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