'सती का बुर्ज' इमारत में छुपा है खजाने का रहस्य<br />#satikaburj #satikaburjnews #mathuranews #mathuramonuments #mathurahistroy #mathurahistoricmonuments<br />हर स्तंब और इमारत का एक इतिहास होता है...ऐसा ही इतिहास है सती के बुर्ज का है... यह 55 फ़ीट ऊँची, चारमंज़िला, छरहरी चतुर्भुज इमारत, मथुरा की वर्तमान इमारतों में सबसे प्रचीन है.... कहा जाता है कि मथुरा में जहाँ इस समय विश्राम घाट है, वहाँ मुसलमानी शासन काल में श्मशान था... उस घाट पर हिन्दुओं के शवों का दाहसंस्कार किया जाता था। तीर्थ स्थल होने के कारण अन्य स्थानों के धर्मप्राण हिन्दू भी अपने चाहने वालों का वहाँ दाहकर्म करने में पुण्य मानते थे.... अब ये जान लीजिए कि यह स्तंभ क्यों बनवाया गया....<br />सम्राट अकबर के श्वसुर राजा बिहारीलाल की मृत्यु सं 1570 ई में हुई थी... उनकी अन्त्येष्ठी मथुरा के विश्राम घाट पर की गई थी। उस समय उनकी रानी भी वहां सती हुई थी। उनकी स्मृति में ही उनके पुत्र राजा भगवान दास ने वहाँ एक स्तंभ निर्माण कराया था, जो 'सती का बुर्ज' कहलाता है।