उत्तर प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा दे रही यूपी की योगी सरकार की कवायद रंग लाने लगी है। सरकार की कोशिशों का यूपी के वाइल्ड लाइफ पर भी सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। पूर्वांचल में सारस क्रेन की बढ़ती जनसंख्या इसका जीता जागता उदाहरण है। पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत बनाने के लिये जीव जन्तुओं का संरक्षण और उनके लिये किये जा रहे कार्यों का नतीजा है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में गुलाबी सिर वाले खूबसूरत सारस क्रेन अपनी आबादी बढ़ाने में रूचि दिखा रहे हैं। इस साल पूर्वांचल में उनकी जनसंख्या पिछले साल की तुलना में 15 फीसदी बढ़ गई है, जो यहां के ईको सिस्टम के लिये भी बेहद सकारात्मक संकेत है। ये गिनती वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा की गई है, जो इस क्षेत्र में पिछले सात सालों से सारस की संख्या और उनके बिहैवियर पर नजर रखे हुए हैं। संस्था इनकी गतिविधियों पर नजर रखने के साथ ही इनकी गिनती भी कराती रहती है।<br />#Sarus #Purvanchal #CMYogi<br /><br /><br />वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने ‘सेक्यूरिंग वेटलैंड इन एग्रीकल्चर डोमिनेटेड लैंडस्केप इन ईस्टर्न यूपी’ नाम से जारी अपनी रिपोर्ट में जानकारी दी है कि पूर्वांचल के 10 जिलों में इस बार सारस क्रेन की तादाद बढ़कर 2385 हो गई है, जबकि पिछले वर्ष इनकी जनसंख्या 2087 गिनी गई थी। 27 जून 2020 को गिनती कराई गई थी। इसके लिये इनकी आमद वाले 10 जिलों के 58 वेटलैंड पर 12 टीम लीडर और 88 वालंटियर्स को पूरी ट्रेनिंग के बाद सर्वेक्षण के लिये उतारा गया। बहराइच, बलरामपुर में 4-4, बाराबंकी में 6, फैजाबाद में 5, कुशीनगर में 8, महराजगंज में 17, संतकबीरनगर 1, श्रावस्ती 4, शाहजहांपुर 2 और सिद्धार्थनगर 7 वेटलैंड की लगातार निगरानी की गई। सारस केन का ब्रीडिंग सीजन जून से शुरू हो जाता है। जुलाई-अगस्त माह में अण्डे से बच्चे निकलते हैं। डब्ल्यूटीआई ने जुलाई-अगस्त माह में घोसलों का सर्वेक्षण किया। टीम को 117 घोसले में 234 अण्डे मिले जिनमें 231 से बच्चे निकले।<br /><br />चिन्हित जिलों में हुई गिनती में 2385 सारस क्रेन पाए गए, जिनमें 1784 व्यस्क और 601 छोटे मिले। सबसे ज्यादा 698 महाराजगंज में, 408 सिद्घार्थनगर में जबकि संतकबीर नगर में इनकी संख्या 265 रही। 27 जून को सड़क से किये गए सर्वेक्षण में भी महाराजगंज में सबसे ज्यादा 360 सादस क्रेन दिखे, जबकि सिद्घार्थनगर में 178, कुशीनगर में 137 और शाहजहांपुर में 109 की संख्या में देखे गए। इसी तरह बहराइच में 41, बलरामपुर में 35, बाराबंकी में 39, फैजाबाद में 68, संतकबीरनगर में 53 और श्रावस्ती में 51 समेत 1071 सारस क्रेन रिपोर्ट हुए।<br /><br />वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के रीजनल हेड डाॅ. समीर कुमार शर्मा के मुताबकि पूर्वांचल में राज्य पक्षी सारस की आबादी बढ़ रही है। 7 साल से चिह्नित जिलों में न केवल वेटलैंड पर स्थानीय नागरिकों द्वारा ही निगरानी की जा रही है, बल्कि वे सारस के घोसलों का भी रखरखाव कर रहे हैं। सारस का एक तरह से सामुदायिक संरक्षण हो रहा। इसलिए उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में इनकी संख्या में और इजाफा होगा।
